" युवराज राहुल गाँधी ने दोयम दर्जे से रेलयात्रा की !"
देश धन्य धन्य हो गया. समाचार पत्रों में मुख्य पृष्ठ पर छापने के लिए हमारी मीडिया को कोटि कोटि प्रणाम. पता नहीं वो शुभ दिन कब आएगा जब हमारे युवराज इस रियासत के राजा बनेगें ! हे राजकुमार अब और न तडपायो जल्दी से आ हम गुलामों पर राज करो.
3 comments:
रेल इस के बाप की हे जहा चाहे यात्रा करे, अगर सच मे ही त्याग करना हे तो आम जनता मे महीनो रहे, मजदुरी करे ओर पेट भरे, दिल्ली की बसो मे आम नागरिको की तरह से चढे यात्रा करे, सरकारी मकान मे रहे जिन मे आम आदमी रहता हे, राशन की लाईन मे लगे
दो घण्टे की यात्रा करने से युवराज महान बन गए। हमारे यहाँ की मीडिया बेताब है उन्हें तख्तो ताज पर बैठाने को। क्योंकि मीडिया चाहती है कि देश पर कोई नासमझ ही राज करे, जिससे उन्हें बराबर टुकडे मिलते रहें। अच्छा व्यंग्य।
इस शमा का जलाए रखें।
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ब्लॉगिंग को प्रोत्साहन चाहिए?
लिंग से पत्थर उठाने का हठयोग।
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