कल रात चाँद पूरी तरह दहक रहा था. और दहकता भी क्यों नहीं, आखिर शरद पूर्णिमा का चाँद था. वो भी भला हो बिजली विभाग का जिस ने एक डेढ़ घंटा बिजली गुल कर पूर्णिमा की चांदनी का आनंद दिलवा दिया. बीच बीच में छोटे मोटे बादल भी चंद्रमा के साथ आँख मचोली खेलते रहे पर 'शशि जी' अपनी आभा से हमें सराबोर करते ही रहे. इतना ही नहीं मुझे अपनी छवि सहेजने की भी अनुमति प्रदान की.
आधी रात को कौमुदी में नहाई खीर खाई तो देखा चाँद ने अपना रंग उस खीर में उतार दिया था.
6 comments:
बहुत बढ़िया चाँद की फोटो लगाईं है आपने. कल जबलपुर में शरद पूर्णिमा के दिन नर्मदा उत्सव होता है . चाँद की दूधिया लाईट में चमकती संगमरमर की चट्टानों के बीच यह कार्यक्रम बहुत मनमोहक होता है पर कल बारिश के चलते और आसमान में बादल होने के कारण पूर्णिमा का चाँद अच्छी तरह से नहीं दिख सका .
आपका चित्र तो बहुत सुन्दर है। मैने तो गंगा किनारे चित्र ले कर ट्विटर पर डाला था। पर वह धुंधला था!
बड़ा सुंदर चाँद …
अरे हमारे यहां तो आज दिख रहा है पुरा चांद, बहुत सुंदर, लेकिन मेने चित्र नही लिया.
धन्यवाद
Superb....
Neeraj
Sabhi Mitron ka hardik dhanyawad !
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